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How Hindi Poetry can Save You Time, Stress, and Money.

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हरा भरा रहता मदिरालय, जग पर पड़ जाए पाला, हो सकते कल कर जड़ जिनसे फिर फिर आज उठा प्याला, किसी ओर मैं आँखें फेरूँ, दिखलाई देती हाला आज मिला अवसर, तब फिर क्यों मैं न छकूँ जी-भर हाला मुझे पिलाने को लाए हो इतनी थोड़ी-सी हाला! मुझे दिखाने को http://love-urdu-poetry30628.get-blogging.com/9056426/the-smart-trick-of-स-घर-ष-ह-सल-पर-श-यर-that-nobody-is-discussing

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