है परसिद्ध जगत उजियारा ॥२९॥ साधु सन्त के तुम रखवारे । राम दूत अतुलित बल धामा। अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा॥ ॐ ऐं ह्रीं हनुमते रामदूताय लंकाविध्वंसनाय अंजनी गर्भ संभूताय शाकिनी डाकिनी डाकिनी विध्वंसनाय किलिकिलि बुबुकारेण विभिषणाय हनुमद्देवाय ॐ ह्रीं श्रीं हौं हाँ फट् स्वाहा।। मनोजवम् मारुततुल्यवेगम् जितेन्द्रियम् बुद्धिमताम् वरिष्ठम्। The mantra https://baglamukhi39292.fireblogz.com/66208094/the-hanuman-mantra-diaries