हंस और हंसिनी को भटकते-भटकते रात हो गयी, तो हंस ने हंसिनी से कहा देखो रात भी गई इसलिए हम किसी भी तरह यहाँ आज की रात बिता लेते हैं, फिर सुबह होते ही यहाँ से चले जायेंगे। उसका पिता, एक पेशेवर रसोइया, उसे रसोई घर में ले आया। उसने https://howtoboostself-confidence34852.wikijournalist.com/5019882/not_known_factual_statements_about_व_ब_स_र_ज_न_य_ज