पूजन रामचंद्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥ अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण ॥ त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा । तन नहीं ताके रहे कलेशा ॥ Your browser isn’t supported anymore. Update it to find the most effective YouTube experience and our most current attributes. Find out more शबरी https://shivchalisas.com