बरनउं रघुबर विमल जसु, जो दायकु फल चारि॥ अञ्जनि-पुत्र पवनसुत नामा ॥२॥ महाबीर बिक्रम बजरङ्गी । जय सन्तोषी मात अनूपम। शान्ति दायिनी रूप मनोरम॥ सुन्दर वरण चतुर्भुज रूपा। वेश मनोहर ललित अनुपा॥ बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।। search for his assistance or pray to Lord Rama. https://7bookmarks.com/story16638995/hanuman-chalisa-no-further-a-mystery